शिमला,
ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार है सहकारी समितियां
प्रदेश का पहला राज्य स्तरीय सहकारी सम्मेलन आयोजित
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने की बतौर मुख्यातिथि शिरकत
प्रदेश सहकारी समितियों और हिमकोफेड के संयुक्त तत्वाधान से राज्य कृषि प्रबंधन एवं विस्तार प्रशिक्षण संस्थान मशोबरा में "सहकारिता सभी के लिए बेहतर भविष्य का निर्माण करती है" पर राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जिस तरह हमारी सरकार ने परिवहन और एचआरटीसी को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नए कदम उठाए हैं, उसी प्रकार सहकारिता विभाग को भी अधिक कार्यशील बनाना है। आज एचआरटीसी के बेड़े में इलेक्ट्रिक बसें और नई डीजल बसों को शामिल किया जा रहा है। उसी तरह सहकारिता विभाग में नए कदम उठाए जाएंगे।
इस दो दिवसीय सम्मेलन में जिन मुद्दों और सुझावों पर चर्चा होगी, उन्हीं के मुताबिक नए कानून और रणनीतियां बनेगी। उन्होंने कहा कि आगामी वित्तीय वर्ष के बजट में सहकारिता क्षेत्र के सुदृढ़ीकरण के लिए नए कानून प्रस्तावों को विधानसभा में पारित करवाया जाएगा। ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार सहकारी समितियां है। इसी तरह आत्मनिर्भर हिमाचल बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक समय था जब लोगों का सपना कॉरपोरेटर बनना होता था, क्योंकि उस समय सहकारी समितियों का रुतबा काफी बड़ा होता था। आज प्रदेश का लगभग 4500 करोड़ रुपए सहकारी क्षेत्र में जमा है।
उन्होंने कहा कि हीरा सिंह की दूरदर्शिता और नेतृत्व को भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि उनके कार्य को देश ने नई दिशा दी है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश भर में हर पांच में से एक व्यक्ति सहकारी समिति से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियां इस बात का ध्यान रखे कि उनके पास जमा पैसा आम जनता का है, वह किसी सचिव या सोसायटी का पैसा नहीं है।
उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में हिम फेड, वूल फेड, मिल्क फेड जैसी फेडरेशन न आना चिंता का विषय है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन फेडरेशन पर शिकंजा कसा जाए। इसके साथ ही निजी और सरकारी बैंकों के प्रतिनिधियों को भी इस सम्मेलन में आना चाहिए। उन्होंने कहा कि बैंकों का आधार सहकारिता समितियां ही है। उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग में रिक्त चल रहे करीब 900 पदों को भरने के लिया भविष्य में रणनीति बनाई जाएगी। 1789 सहकारी समितियों के कंप्यूटरीकरण के लिए बजट जारी कर दिया गया है ताकि सभाओं के कार्यप्रणाली में तीव्रता और गुणवत्ता आए। उन्होंने कहा कि अधिकारी व कर्मचारी अपने कार्य को लेकर संजीदा रहें। जो कार्य आपको दिया गया है उसका निर्वहन ईमानदारी से करें ताकि लोगों के दिलों में आपके कार्य की पहचान बन पाए। इस सम्मेलन में नाबार्ड, सहकारिता विभाग और अन्य हितधारक शामिल रहे।
पहला राज्य स्तरीय सम्मेलन
प्रदेश का पहला राज्य स्तरीय सहकारी समिति सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। यह सम्मेलन दो दिवसीय रहेगा।प्रदेश भर की 5276 सहकारी समिति के करीब 300 प्रतिनिधि इस सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। प्रदेश भर में पहले चरण में 870 पैक्स (प्राथमिक कृषि ऋण समिति) का कंप्यूटरीकरण किया जा चुका है जबकि दूसरे चरण में 919 पैक्स को चयनित किया गया।
सहकारिता आंदोलन में तीव्रता लाए - सी पालरासु
कार्यक्रम के दौरान सहकारिता विभाग के सचिव सी पालरासु ने कहा कि प्रदेश भर में अनेकों सहकारिता सभाएं सफलता के साथ समृद्ध हिमाचल बनने की दिशा में कार्य कर रही हैं। इस दो दिवसीय सम्मेलन में प्रदेश भर की सफल सभाओं के प्रतिनिधि अपनी सफलता को साझा करेंगे। इसके साथ ही आने वाली चुनौतियों के बारे में भी चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि यहां पर सहकारिता आंदोलन पहाड़ों की भौगोलिक परिस्थितियों और क्षमताओं के अनुरूप होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सहकारिता आंदोलन में तीव्रता लाते हुए अधिक से अधिक लोगों को इस आंदोलन के साथ जोड़ने की दिशा में सभाएं कार्य करें।
सहकारी समिति की कार्यप्रणाली में होगा सुधार - आर के प्रुथी
रजिस्ट्रार सहकारी समिति हि प्र आर के प्रुथी ने सम्मेलन में कहा कि सहकारिता आंदोलन को मजबूत बनाने के लिए सहकारी सभाओं के सदस्य अपने सुझाव
registrarecooperativehp@gmail.com पर भेज सकते हैं। अगले 15 दिनों के बाद इन सुझावों पर विस्तृत चर्चा के बाद रणनीति में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सभी सहकारी सभाओं का ऑडिट 30 सितंबर तक हर हाल में संपन्न कर लिया जाएगा। इसके लिए विशेष योजना बनाई गई है। इस योजना के अनुसार 31 मार्च 2025 तक सभी सभाएं अपने जनरल हाउस आयोजित करेगी। 15 अप्रैल 2025 तक सभी सभाएं अपना ऑडिटर नियुक्ति करेंगी। अगर कोई सभा ऑडिटर नियुक्ति नहीं करती है तो सहायक पंजीयक सीधे ऑडिटर नियुक्त करेगा। वहीं हमने इस बार 30 मास्टर ट्रेनर तैयार किए है जोकि प्रदेश भर में सभाओं के ऑडिट को लेकर ऑडिटर का मार्गदर्शन करेंगे। विभाग में नए कदम उठाए जाएंगे ताकि सहकारी समिति बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
सहकारी हाट होंगे विकसित
प्रदेश में सहकारी सभाओं के सहयोग से सहकारी हाट विकसित किए जाएंगे। इनके लिए चार स्थानों का चयन किया गया। चयनित स्थानों में चिंतपूर्णी ( ऊना), बाबा बालक नाथ (हमीरपुर),पालमपुर ( कांगड़ा) और सुंदरनगर (मंडी) में सहकारी हाट बनेंगे। सहकारी हाट पर वन स्टॉप सेंटर होंगे यहां पर उन उत्पादों की बिक्री होगी जिनका उत्पादन सहकारी सभाएं कर रही है। पहले चरण में चार स्थानों पर सहकारी हाट कार्य करेंगे। इसके बाद प्रदेश भर में इस तरह के सहकारी हाट स्थापित करने की योजना है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
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